- मगध का उल्लेख सबसे पहले अथर्वेद में मिलता हैं।
- ऋग्वेद ने कीकट (किराट) नामक जाति का उल्लेख मिलता हैं जिसका शासक प्रमगंद था। इसकी पहिचान मगध से की जाती हैं।
- मगध राज्य के सबसे प्राचीन वंश के संस्थापक ब्रह्द्रथ था। इसने अपनी राजधानी गिरिब्रज(राजगृह) को बनाया था।
- ब्रह्द्रथ के पुत्र का नाम जरासंध था। जिसका उल्लेख महाभारत में भी मिलता हैं।
- भीम ने इसे पराजित कर मार दिया था।
- बृहद्रथ वंश का अंतिम शासक रिपुंजय था। इसके मंत्री पुलिक ने इसकी हत्या कर अपने पुत्र को गद्दी पर बैठा दिया था।
हर्यक वंश (पितृहंता वंश)
- बौध धर्म के अनुयायी बिम्बिसार ने हर्यक वंश की स्थापना की और 544 BC में मगध की गद्दी पर बैठा।
- बिम्बिसार पहिला ऐसा शासक था जिसने प्रशासनिक व्यवस्था पर बल दिया था।
- बिम्बिसार ने 52 वर्षो तक मगध पर राज किया तथा उसने अंग देश के राजा ब्रह्द्रथ को हराकर राजगृह को अपनी राजधानी बनाया।
- प्रसिद्द राजवैध जीवक बिम्बिसार का ही राजवैध था।
- बिम्बिसार ने राजवैध जीवक को महात्मा बुद्ध की सेवा में भेजा था।
- अवन्ती के राजा प्रद्योत जो की पांडू रोग से पीड़ित था उसकी सेवा में भी राजवैध जीवक को भेजा था।
- बिम्बिसार पहला ऐसा शासक था जिसने राज्य विस्तार के लिए वैवाहिक संबंधो का इस्तेमाल किया।
- बिम्बिसार ने कौशल नरेश प्रसेजित की बहन महाकौशला से,वैशाली के चेतक की पुत्री चेल्लना से तथा मद्र (आज का पंजाब ) की राजकुमारी क्षेमा से शादी की थी।
- बिम्बिसार की हत्या उसके पुत्र अजातशत्रु ने कर 493 BC में वह मगध की गद्दी पर बैठा।
- अजातशत्रु को एक दूसरे नाम कुणिक से भी जाना जाता था।
- अजातशत्रु ने लगभग 32 वर्षो तक मगध पर राज्य किया।
- अजातशत्रु ने अपनी मंत्री वर्षकार के सहयोग से वैशाली पर विजय प्राप्त की थी।
- अजातशत्रु अपने प्राम्भिक शासनकाल में जैनधर्म का अनुयायी था।
- अजातशत्रु के पुत्र उदयिन् ने 461BC में उसकी हत्या कर दी और मगध की गद्दी पर बैठ गया।
- इस हर्यक वंश का अंतिम शासक उदयिन् का पुत्र नागदाशक था।
शिशुनाग वंश
- नागदाशक के मंत्री शिशुनाग ने 412BC में उसकी हत्या कर दी और शिशुनाग वंश की नीव रक्खी।
- शिशुनाग ने अपनी राजधानी को पाटलिपुत्र से वैशाली बना ली थी।
- शिशुनाग वंश के कालाशोक ने वैशाली से हटाकर पुनः पाटलिपुत्र को अपनी राजधानी बना लिया।
- शिशुनाग वंश का अंतिम शासक नन्दिवर्धन था।
नन्द वंश
- नन्द वंश की स्थापना महापद्मानंद ने की थी।
- नन्द वंश का अंतिम राजा घनानंद था। जिसे चन्द्रगुप्त ने पराजित कर मौर्य वंश की स्थापना की थी।